मलेरिया, स्वाइन फ्लू और एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली दवा से जयपुर में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों को ठीक किया गया है.
जयपुर. राजधानी जयपुर में कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीजों को मलेरिया, स्वाइन फ्लू और एचआईवी पॉजिटिव मरीजों को दी जाने वाली दवा से ठीक कर दिया है. प्रदेश के चिकित्सकों का कहना है कि आईसीएमआर ने भी जयपुर के चिकित्सकों द्वारा कोरोना वायरस के इलाज के लिए अपनाए गए इस प्रोटोकॉल पर संतोष जताया है. राजधानी जयपुर में इटली के दल के साथ घूमने आए 69 वर्षीय एंड्री कार्ली को सबसे पहले प्रदेश का पहला कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज घोषित किया गया था. बाद में कार्ली की पत्नी को भी कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज पाया गया. प्रदेश के सबसे बडे सवाई मानसिंह अस्पताल के आइसोलेशन अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है.
तबियत में भी अब सुधार है और उसका बीपी भी कंट्रोल में
चिकित्सकों ने एंड्री की पत्नी को हाल ही में की गई जांच में अब नेगेटिव पाया है, जो यह बताता है कि राजधानी जयपुर के चिकित्सकों ने मलेरिया, स्वाइन फ्लू और एचआईवी की दवा के जरिए कोरोना वायरस पर काबू पाने में सफलता हासिल की है. वहीं खुद एंड्री की तबियत में भी अब सुधार है और उसका बीपी भी कंट्रोल में है और निमोनिया ठीक हो गया है और ऊपर से दी जा रही ऑक्सीजन भी हटा दी गई है.
इन दवाओं की खुराक आई काम
मरीजों को जहां स्वाइन फ्लू के इलाज में काम में ली जाने वाली ओसाल्टामिविर की 75 एमजी की दो टेबलेट रोजाना दी गई. वहीं एचआईवी के इलाज में काम आने वाली दवा लोपिनाविर की 200 एमजी और राइटोनाविर की 50 एमजी की दो टेबलेट रोजाना दी गई है. मलेरिया के इलाज में काम आने वाली क्लोरोक्वीन दवा भी मरीजों को दी गई है. इन सभी दवा का असर पॉजिटिव आया है जो बताता है कि इन दवाओं ने अपना असर दिखाया है.
हालांकि अभी रिसर्च जारी है. कोरोना वायरस के लिए अभी वेक्सीन और दवा तैयार नहीं हो पाई है. ऐसे में मौजूदा एन्टीवायरल दवा देकर मरीजों को ठीक करने का प्रयास किया गया है.
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