'इस वजह से पायलट को हाथ भी नहीं लगा सकती पाकिस्तानी सेना'
सही बात तो ये कि जिनेवा युद्ध बंदी एक्ट के तहत पाकिस्तान को हमारे पायलट को रिहा करना ही होगा. ये कहना है मेजर जनरल रिटायर्ड केके सिन्हा का.
सही बात तो ये कि जिनेवा युद्ध बंदी एक्ट के तहत पाकिस्तान को हमारे पायलट को रिहा करना ही होगा. ये कहना है मेजर जनरल रिटायर्ड केके सिन्हा का.
हमारा मिग-21 सीमा की सुरक्षा में था. पायलट हमारा वर्दी में है. और पाकिस्तानी सेना मीडिया के सामने ये स्वीकार भी कर चुकी है कि भारतीय वायु सेना का एक पायलट उसके कब्जे में है. सही बात तो ये कि जिनेवा युद्ध बंदी एक्ट के तहत पाकिस्तान को हमारे पायलट को रिहा करना ही होगा. ये कहना है मेजर जनरल रिटायर्ड केके सिन्हा का
मेजन जनरल केके सिन्हा ने कहा कि "कारगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता का पाकिस्तान में उतरना और पाक सेना द्वारा उन्हें पकड़ना और फिर उनका सही-सलामत वापिस आना एक बड़ा उदाहरण देश के सामने है.
मेजन जनरल केके सिन्हा ने कहा कि "कारगिल युद्ध के दौरान फ्लाइट लेफ्टिनेंट नचिकेता का पाकिस्तान में उतरना और पाक सेना द्वारा उन्हें पकड़ना और फिर उनका सही-सलामत वापिस आना एक बड़ा उदाहरण देश के सामने है.
अगर हमारे पायलट को कुछ भी होता है तो ये जिनेवा एक्ट का उल्लघंन होगा और इंटरनेशनल लेवल पर ये एक क्रीमिनल केस होगा. 7 दिन बाद ही पाकिस्तान ने नचिकेता को हमे सही-सलामत लौटाया था. ऐसा ही हमारे मिग के पायलट के साथ भी होगा. वर्ना जिनेवा एक्ट का उल्लघंन पाकिस्तान को बहुत भारी पड़ेगा. दूसरी बात ये कि मेडिकल सुविधा भी उस पायलट को वैसी ही मिलती जैसे डयूटी के दौरान अपने देश में मिलती."
वहीं विंग कमांडर रिटायर्ड एके सिंह का कहना है कि कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के फाइटर पायलट नचिकेता पाकिस्तान के कब्जे में चले गए थे. वो कारगिल वार के अकेले युद्धबंदी थे उनकी रिहाई के लिए भारत सरकार ने कोशिश की. तब उन्हें रेडक्रॉस के हवाले कर दिया गया, जो उन्हें भारत वापस लेकर आई. बताया गया है कि जेनेवा संधि के तहत युद्धबंदी को अधिकार मिलते हैं।
No comments:
Post a comment